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H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस क्या हैं? इसके लक्षण, कारण और इससे बचने के उपाय सब कुछ

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H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण देश में इस फ्लू संक्रमण के केस तेज़ी से सामने आ रहे है। ये एक वायरल संक्रामक रोग होता है,जो श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। इससे नाक गले और फेफड़ों में संक्रमण फैल जाता है। मरीज की स्थिति गंभीर होने पर मौत भी हो सकती है।

H3N2 वायरस क्या हैं? (What is H3N2 Viruse in Hindi)

इन्फ्लूएंजा ए वायरस का ही सबटाइप  वायरस होता हैं  इसे हॉन्ग कॉन्ग फ्लू (hong kong flu) के नाम से भी जाता हैं। इसकी खोज 1968 में हुई थी। WHO विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार , H3N2 वायरस पक्षियों और दूसरे जानवरो से म्यूटेट होकर इंसानों तक फैलता है।

H3N2 एक प्रकार का इन्फ्लुएंजा वायरस है जो मनुष्यों में संक्रमण का कारण बनता है। यह वायरस सामान्यता सर्दियों और मौसम बदलने के समय संक्रमण को फैलाता है। इस समय मौसम के तेजी से बदलाव आने से लोगो में इस फ्लू के लक्षण ज्यादा सामने आ रहे हैं।

इन्फ्लूएंजा फ्लू वायरल एक संक्रामक रोग होता है जिससे नाक,गला और फेफड़े प्रभावित होते हैं। किसी बीमार व्यक्ति के खांसने, छीकने या उसके द्वारा निकली हुई बूंदों के संपर्क में आने से आसानी से एक दूसरे इंसानों में फैल सकता है।
इस वायरस के लक्षण बच्चो और बुजुर्गो में ज्यादा दिखाई दे रहे हैं।

किन लोगो में इन्फ्लूएंजा का खतरा ज्यादा रहता हैं?

ऐसे लोग जो मल्टीपल गंभीर बीमारी से ग्रस्त हो जिन्हें शुगर और बीपी दोनो की शिकायत रहती हो ,साथ ही वे लोग जिनकी इम्यून सिस्टम कमजोर रहता हो , दमा,दिल के मरीज, न्यूरोलॉजिकल समस्या वाले मरीज और गर्भवती महिलाओ में इसके अलावा छोटे बच्चों और बुजुर्गों में इस बीमारी का खतरा ज्यादा रहता है

H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस के क्या लक्षण हैं? (H3N2 Symptoms in hindi)

H3N2 इन्फ्लूएंजा के लक्षण

इन्फ्लूएंजा वायरस से ग्रसित होने पर मरीज में हल्के और गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं जिनमें से मुख्य लक्षण निम्न हो सकते हैं: –

  • गले में खराश और दर्द का होना
  • खांसी और कफ का बढ़ जाता है।
  • सांस लेने में तकलीफ होना
  • ऑक्सीजन लेवल का 93 से कम हो जाना
  • सीने में दबाव और पेट में दर्द का होना
  • ठंड का लगना
  • नाक का बंद होना और नाक का बहना
  • बुखार और खांसी का बार बार होना
  • उल्टी और दस्त  का होना
  • शरीर की मांसपेशियों में दर्द का महसूस का होना
  • मरीज का भ्रमित या कंफ्यूज हो जाना
  • अगर मरीज का ऑक्सीजन लेवल गिर रहा हो और सांस लेने में दिक्कत हो रही हो तब तुरन्त डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी हैं।

H3N2 वायरस कैसे फैलता है?

इन्फ्लूएंजा वायरस से संक्रमित व्यक्ति के खांसते या छींकते या बात करते वक्त निकलने वाली बूंदों से दूसरे व्यक्ति भी इसकी चपेट में आ सकते है।
ऐसी सतह जहा इस वायरस के कण फैले हुए हो तो ऐसी सतह को छूकर नाक या मुंह पर लगा लेने से भी इससे संक्रमित हो सकते हैं।

H3N2से बचने के उपाय और सावधानी

  • H3N2 वायरस से संक्रमित होने के बाद अगर शुरुआती लक्षण खांसी जुकाम बुखार गले में दर्द रहने लगता ही तब डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है।
H3N2 treatment with docter
  • ऑक्सिमिटर की मदद से अपना ऑक्सीजन लेवल हमेशा चेक करते रहे ,
  • अगर लेवल 95 प्रतिशत से कम हो रहा हो और सांस लेने में दिक्कत महसूस हो रही हो तब तुरन्त डॉक्टर के पास जाना जरूरी हो जाता हैं।
  • शरीर में पानी की कमी ना होने दें। जायदा से ज्यादा लिक्विड का इस्तेमाल करे ।अपने आप को हाईड्रेड रखें।
  • अपनी इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करने के लिए अपनी डाइट पर विशेष ध्यान रखें।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाले आहार और फलों को अपने खाने में इस्तेमाल करे।
  • विटामिन सी के फलों जैसे संतरा , मौसमी,बेरीज, नींबू का इस्तेमाल करे
  • हल्दी और अदरक का भी इस्तेमाल करने से खांसी और कफ में राहत मिलती है।
  • जिन लोगो में फ्लू के लक्षण दिखाई देते हो उनसे दूरी बनाए रखें।
  • या बीमार व्यक्ति की देखभाल कर रहे हो तब मास्क लगाकर रखे।
  • खांसते या छींकते समय अपनी नाक और मुंह को ढक कर रखें।
  • अपनी नाक और मुंह को बिना वजह छुने से बचे
  • शरीर में बुखार और दर्द हो तब पैरासिटामोल ले
  • लोगो से हाथ मिलाने से बचे
  • संक्रमित हो जाने के बाद अपने आपको लोगो से दूर रखे । भोजन साथ बैठकर ना करे ।
  • भीड़ भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचे।
  • घर के बाहर मास्क लगाकर ही निकले
  • अपने हाथो को दरवाजे के हैंडल और दूसरी सतहों को छुने के बाद साबुन से धोएं या सेनिटाइज करते रहें।

H3N2 का इलाज क्या हैं?


आजकल ज्यादातर देखा जाता है की जैसे ही हल्का बुखार या खांसी हो जाती हैं तब कई मेडिकल वाले लोग या झोला छाप डॉक्टर मरीज को एंटीबायोटिक दे देते हैं। ये सही नही होता है। क्योंकि इससे प्रतिरोध पैदा हो जाता हैं।
क्योंकि बिना जांच के ही की ये संक्रमण बैक्टिरियल है या नहीं इसकी पुष्टि के बिना एंटीबायटिक नही देनी चाहिए

इंफ्लूएंजा संक्रमित व्यक्ति
  • घर पर ही रहकर उचित आराम करे
  • गुनगुने पानी का इस्तेमाल करे।
  • ठंडी चीजों से दूर रहें।
  • अगर लक्षण गंभीर दिखाई दे रहे हो तब अस्पताल चले जाना चाहिए
  • खानपान का ध्यान रखे
  • इस वायरस में कोविड 19 के जैसे लक्षण देखे जा रहे है ।
  • ईलाज के लिए, सामान्यतया इस इन्फ्लुएंजा के लक्षणों को संभाल रखा जाता है। अधिकांश मामलों में, इस वायरस से ग्रस्त व्यक्ति को विश्राम, पर्याप्त आहार और पेय, और अधिकतम चिकित्सा देखभाल दी जाती है।
  • कुछ मामलों में, डॉक्टर एंटीवायरल दवाओं की सलाह दे सकते हैं। ये दवाएं संक्रमण के समय काम में ली जाती हैं और संक्रमण को कम करने और लक्षणों को दूर करने में मदद मिलती हैं।

सारांश:- H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस एक संक्रामक श्वसन तंत्र का बीमारी है। अक्सर मामले में यह अपने आप ठीक हो जाता है इसके लक्षण कोरोना जैसे मिलते – जुलते हैं इसलिए घबराना नहीं चाहिए और घर पर ही इसका इलाज क्या जाना चाहिए अगर मरीज की स्थिति गंभीर हो रही हो तब डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। आशा करता हूं आपको यह लेख अच्छा लगा होगा आप भी अपने दोस्तों के साथ इसको शेयर जरूर करें और अपनी राय हमें कमेंट बॉक्स में जरूर दें।

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