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डेंगू के लक्षण, कारण और इलाज क्या है? क्या ले सकता है जान?

डेंगू एडीज मच्छर

नमस्कार पाठको आज हम चर्चा करेंगे की डेंगी या डेंगू वायरस क्या होता है? ये कैसे फैलता है, किस से फैलता है, डेंगू के लक्षण क्या होते हैं? क्या इसका इलाज संभव है और इसके क्या घरेलू उपचार है और साथ ही साथ इससे कैसे बचा जा सकता है।

डेंगी एक सीजनल बिमारी है और एक ये वाइरल डिज़ीज़ है। अभी इस सीज़न में बारिश के बाद जब नमी चारों तरफ होती है तो कई सारी वाइरस डिजीज के साथ डेंगी भी अभी अपने पैर पसारना शुरू कर देता है।

इसे डेंगी, डेंगू भी कहते हैं , जो की मच्छर के काटने से फैलता है । डेंगू अभी इस मौसम में एक बहुत तेजी से महामारी का रूप ले रहा है। बहुत सारे लोग इसके चलते बीमार हो रहे हैं बड़ो से लेकर बच्चे तक सब इसकी चपेट में आ रहे है।

इसका मुख्य कारण अभी देश में सब जगह बारिश का मौसम चल रहा है । जगह जगह पानी भरा हुआ है और वातावरण में चारो ओर नमी भी काफी होती हैं  इस वजह से ये डेंगू के मच्छर बहुत ही जायदा पनप रहे हैं।

डेंगू क्या हैं?(What is Dengue in Hindi)

डेंगू या डेंगी जो की एक वायरस फैमिली है। इस ग्रुप में और भी वाइरस होते हैं जिनमे जैपनीज़ इन्सेफेलाइटिस, येलो फीवर आदि।

डेंगू के लक्षण कि जांच

मच्छर के काटने से बहुत सारी बीमारियां फैलती हैं उनमें मलेरिया, चिकनगुनिया, डेंगू आदि वायरस, मच्छर द्वारा काटने से इंसानों में फैलता है। इनमे डेंगू की बीमारी सिर्फ मादा मच्छर जिसे एडीज कहते है ,उसके काटने से होती है। यह डेंगी वायरस एक इंसान से, दूसरे इंसान में या दूसरी जातियों में भी फैलता है।

डेंगू (Dengue) कैसे फैलता है ?(How to Spread Dengue)

डेंगू के मच्छर इस समय बहुत जायदा मात्रा में गंदे नालों तालाबों रुके हुए पानी में बहुतायत मात्रा में पैदा होते हैं जिससे ये बीमारी बहुत ज्यादा इंसानों में फैल रही हैं। तो क्योंकि इस सीज़न में मच्छर बहुत तादाद में आप के आसपास होते हैं तो मच्छरों की तादाद बढ़ती है और उसी के साथ यह वायरस भी पनपना शुरू होता है । जब मादा मच्छर किसी इंसान को काटती है यानी उसके खून चूसने के वक्त ये वायरस इंसान के खून में मिल जाता हैं करते है, उस इंसान में यह बिमारी शुरू हो जाती है जो की आगे चलकर इसके डेंगू या डेंगी वायरस कहलाती हैं।

डेंगू वायरस के लक्षण (Dengue Virus Symptoms in Hindi) )

इस सीज़न में अगर किसी को तेज बुखार आ रहा है और  साथ में ये सिम्पटम्स लग रहे हैं तो अपने को डॉक्टर की सलाह लेनी जरूरी है क्योंकि सिर्फ मरीज के लक्षण देख के डॉक्टर ही बता सकता हैं की डेंगू हुआ है या कोई वायरल बुखार हुआ है।

डेंगू वायरस के मुख्य लक्षण

कई मरीज खुद से ही मेडिकल स्टोर से दवाइया लेकर खा लेते हैं जो की सेहत के लिए अच्छा नहीं होता की । मरीज को चाहिए कि ऊपर दिए लक्षण दिखाई दे तो तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाएं ये डेंगी हो सकता हैं ।

डेंगू वायरस के मुख्य लक्षण :

  • तेज़ बुखार: इसके मुख्य लक्षणों में तेज बुखार आना जिससे शरीर का तापमान बहुत ज्यादा जाता है मरीज का बॉडी टेंपरेचर जिसमें बुखार का तापमान 102-103º F तक बढ़ सकता है। जो की डेंगू की बुखार की निशानी होती है
    बुखार के साथ-साथ सर में तेज दर्द होता है और आंखों के आसपास और शेर के पीछे हिस्से में दर्द हो रहा हो तो डेंगू की वजह हो सकती है
  • बदन टूटना: डेंगू में व्यक्ति को जोड़ों, मांसपेशियों, और हड्डियों में दर्द होता है, जिससे उन्हें बदन की टूटने की अहसास होता है। जी मिचलाना और घबराहट: डेंगू में जी मिचलाना और घबराहट की भावना हो सकती है।
  • चकत्ते या रैशेस: डेंगू में छोटे लाल चकत्ते या रैशेस हो सकते हैं, जिनमें खुजली भी हो सकती है।
  • आँख के पीछे दर्द: डेंगू से पीड़ित लोग आँख के पीछे दर्द की शिकायत कर सकते हैं, जो आँखों की मूवमेंट से बढ़ता है।
  • थकान: डेंगू में थकान की भावना हो सकती है।
  • भूख में कमी : मरीज को कुछ भी खाने का मन नहीं करता है भूख कम हो जाती है बुखार के साथ-साथ जी मचलना उल्टी आना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं
  • पेट में दर्द: डेंगू में पेट में दर्द हो सकता है.
  • नाक या मसूड़ों से रक्तस्राव: रक्तस्राव की समस्या भी हो सकती है।
  • चक्कर आना: डेंगू में चक्कर आने की भावना हो सकती है।
  • नज़र का धुंधला होना: डेंगू से पीड़ित व्यक्ति को अक्सर नज़र का धुंधला होने का अहसास होता है।
  • डायरिया: इसके साथ साथ मरीज को जी मितलाना या उल्टी होना या किसी किसी केस में डायरिया भी हो सकता है।

डेंगू में बच्चों की देखभाल कैसे करे ?

डेंगू बच्चो में ज्यादा होता है क्योंकि बच्चे की इम्यून सिस्टम कमजोर होता है साथ ही वो बाहर खेलते टाइम ध्यान नहीं दे पाते और मच्छर के काटने के वजह से डेंगू की चपेट में आ जाते हैं।

अब सवाल ये उठता है की हमें कब डॉक्टर के पास जाना चाहिए? अगर आपके बच्चे को इस दौरान तेज बुखार आ रहा हो और साथ ही अगर जोड़ों में दर्द हो रहे हैं या उसको कमज़ोरी फील हो रही है, भूख कम हो गई है तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

डॉक्टर इसकी जांच करेगा देखेगा और आपको राय देगा कि यह एक वाइरल बुखार है, या यह डेंगू की संभावना हो सकती है। इसके लिए कुछ टेस्ट डॉक्टर आपको रिकमेंड करेंगे। उसमें से डेंगी ऐन्टिजिन NS1 है, एंटी बॉडीज़ है और दूसरे कॉमन ब्लड के टेस्ट है, जिसमें कि हमें यह मालूम चलता है कि यह डेंगी बुखार जो बुखार आ रहा है, आपको यह डेंगी वायरस की वजह से या दूसरे वायरस की वजह से है।

जब एक बार आपकी जांच रिपोर्ट आ जाती है, डॉक्टर ने आपको डेंगू वायरस बताया है तब आपको सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि,इस डेंगू वायरस की कोई स्पेसिफिक मेडिसिन नहीं है जिससे इसका इलाज किया जा सके। इसके बजाय जैसे की मलेरिया है, उसमें हमने मलेरिया की दवाई दे दी । मलेरिया ठीक हो जाता है, टाइफाइड की दवाई दे दी तो टाइफाइड ठीक हो जाता है, लेकिन डेंगू में ऐसा नहीं है। आपका डॉक्टर आपके लक्षणों ,कंडिशन्स या आपकी जो लैब रिपोर्ट है उसके अकॉर्डिंग दवाई देगा इसलिए हमें डॉक्टर के पास जाना जरूरी होता हैं।

डेंगू एक ऐसा वायरल बुखार है जो मादा मच्छर के काटने से फैलता है, और इसके लक्षण मामूली बुखार के साथ आते हैं। डेंगू के लक्षणों को समझना और उसका सही उपचार करना महत्वपूर्ण होता है।

डेंगू का इलाज :

डेंगी फीवर का उपचार इसके लक्षणों और उनकी गंभीरता पर निर्भर करता है। डेंगू की जाँच से बीमारी की गंभीरता का पता चलता है, जिसमें रक्त की जाँच की जाती है, ताकि ब्लड में प्लेटलेटस की संख्या और अन्य मापदंडों का पता चल सके। जिसके आधार पर डेंगू का इलाज डॉक्टर की सलाह पर किया जाता है।

ज्यादातर लोग घर पर ही सही आराम, अधिक से अधिक जल सेवन से, और डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाओं के साथ ठीक हो जाते हैं। डेंगू खुद ठीक होने वाली बीमारी है जो 6 से 10 दिन में ठीक हो जाती है।

कुछ महत्वपूर्ण बातें जो याद रखनी चाहिए:

  • पानी का सेवन: बुखार समाप्त होने के 48 घंटे बाद तक, अधिक से अधिक पानी पिए। यह रक्त धमनियों में रक्त की मात्रा बढ़ाएगा।
  • दवाओं का सही मात्रा में सेवन: डॉक्टर के परामर्श से निर्धारित दवाओं को उचित मात्रा में और सही समय पर लें। इसमें ibuprofen जैसी दवाएँ नहीं लेनी चाहिए, क्योंकि इससे रक्तस्त्राव का खतरा हो सकता है।
  • चमत्कारी दवाओं से दूर रहें: बाजार में डेंगू को ठीक करने का दावा करने वाली दवाओं से सावधान रहें, क्योंकि इनका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
  • देखभाल करें: रोगी की सुविधा के अनुसार देखभाल करें, डेंगू बुखार को ठीक से समझने और उसके उपचार को सही तरीके से करने से, व्यक्ति को जल्दी ठीक होने में मदद मिल सकती है।

डेंगू से बचाव :

डेंगू से बचाव के लिए निम्नलिखित कदम उठाएं:

मच्छरों से बचाव: मच्छरों के काटने से बचाव के लिए मच्छर नेट का उपयोग करें और खुले जगहों में बैठने से बचें।

डेंगू से बचाव

गन्दा पानी या रुका हुआ पानी : बारिश में जहां पानी भर जाता है या गंदी नालियों में पानी जमा हो जाता है उन्हें साफ करना चाहिए और उस पर जला हुआ ऑयल या केरोसिन डाल देना चाहिए ।

पीने के पानी के बर्तन को ढक कर रखे या पानी की टंकियां जो खुले पड़ी रहती है छत पर उन्हें अच्छे से ढ़क दें, ताकि मच्छर पानी में ना जाएं।

सतर्क रहे : डेंगू के मामूली लक्षणों पर ध्यान दें और अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

पानी की मात्रा बढ़ाएं: पानी की अधिक से अधिक मात्रा में सेवन करें, ताकि शरीर में पानी की कमी न हो।

बारिश के मौसम के दौरान सतर्क रहें: बारिश के मौसम के दौरान, खुद को मच्छरों से बचाने के लिए अच्छे से ढककर रहें। बाहर खुले में जा रहे हो तो लंबे कपड़े पहने।

समुद्र तट और नदी तालाबों : समुद्र तट और नदी तालाबों के क्षेत्र में मच्छरों की वृद्धि को रोकने के लिए कदम उठाएं।

दवा का छिड़काव करे : अपने आसपास जहा मच्छर ज्यादा पैदा होते हों वहा दवा का छिड़काव करे ।

स्वच्छता: स्वच्छता का पालन करें और कूड़े को ठीक तरीके से प्रबंधित करें।

सुरक्षा के साथ इंसेक्ट रिपेलेंट का उपयोग करें: इंसेक्ट रिपेलेंट का उपयोग करने से मच्छरों के काटने से बचा जा सकता है।

जागरूकता फैलाएं: डेंगू के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करें और अपने परिवार और समुदाय के सदस्यों को बचाव के बारे में शिक्षा दें।

FAQ

डेंगू बुखार का पहला संकेत क्या है?

  • जोड़ो और मांसपेशियों में तेज दर्द होना
  • सूजी ग्रंथियां
  • जी मिचलाना उल्टी होना
  • तेज बुखार और सिर दर्द का होना

डेंगू की जांच कैसे की जाती है?

डेंगी बुखार की जांच NS1 एंटीजन टेस्ट के द्वारा की जाती है यह जांच मरीज के पहले सप्ताह में करना बहुत जरूरी है ताकि जल्द से जल्द इलाज़ शुरू किया जा सके।

डेंगू शरीर में कितने दिन रहता है?

डेंगू फीवर के लक्षण व्यक्ति के शरीर की प्रतीक्षा प्रणाली और संक्रमण के स्तर पर निर्भर करता है आमतौर पर डेंगू बुखार मरीज में 4 से 10 दिनों तक रह सकता है

घर पर डेंगू का इलाज कैसे करें?

डेंगू एक गंभीर बीमारी है इसका आप सावधानी से इलाज करें जहां तक हो सके आप डॉक्टर की देखरेख में इलाज लेते रहे कुछ घरेलू उपाय अपनाकर आप डेंगू को कन्ट्रोल कर सकते हैं।
प्राचीन समय से ही हल्दी को हमारे आयुर्वेद में ऊंचा स्थान दिया हुआ है इससे हमारे शरीर की इम्युनिटी बढ़ती है हल्दी वाला दूध नियमित रूप से मरीज को देने से फायदा होता हैं।
विटामिन सी युक्त पदार्थ का सेवन करें जैसे आप संतरा का रस नींबू का रस ले सकते हैं
ऐसे पदार्थों को सेवन करें जो शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाएं।

क्या डेंगू के रोगी घर पर ठीक हो सकते हैं?

डेंगी के मरीज घर पर ही अपनी सही तरीके से देखभाल करें और शरीर की इम्यूनिटी बनाने वाले फल और खाद्य पदार्थों का सेवन करें तो डेंगू बुखार घर से भी ठीक किया जा सकता है

क्या डेंगू में नॉनवेज खा सकते हैं?

डेंगू बुखार से मरीज में शरीर में बहुत कमजोरी आ जाती है कुछ भी खाने का मन नहीं करता है इसकी वजह से मरीज को चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को सेवन करें जिनमें मछली, अंडे ,दूध ,मांस और दही जैसे खाद्य पदार्थ से डेंगू में लड़ने में मदद मिलती है

कब मरीज में प्लेटलेट चढ़ाने की जरूरत पड़ती है?

डेंगू के मरीजों में सबसे आम लक्षण यह देखा जाता है कि उनके प्लेटलेट काउंट कम हो जाते हैं एक स्वस्थ इंसान के खून में 1.50 से 4:30 लाख प्लेटलेट संख्या होती है अगर डेंगू के मरीजों की प्लेटलेट संख्या 20000 से नीचे चली जाती है तो इस कंडीशन में मरीज को प्लेटलेट चढ़ाने की जरूरत पड़ती है ऐसा डेंगू के कुछ ही मरीजों में होता है अगर सही समय पर प्लेटलेट्स रिकवर नहीं हुई तो मरीज की जान भी जा सकती है

निष्कर्ष (Conclusion)

डेंगू एक गंभीर बीमारी होती है, लेकिन सही उपचार और बचाव के साथ इसका सामना किया जा सकता है। यदि आपको डेंगू के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें और उनकी सलाह का पालन करें। साथ ही, डेंगू से बचाव के उपायों को अपनाकर खुद को सुरक्षित रखें और अपने परिवार और समुदाय को भी स्वस्थ रखने में मदद करें।

डेंगू मादा मच्छर के काटने से फैलती है, इसलिए मच्छरों को फैलने से रोकना और समाज में जागरूकता फैलाना चाहिए । अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है, और डेंगू जैसी बीमारियों से बचाव और उपचार के उपायों को जानना भी महत्वपूर्ण है। याद रखें, सही जानकारी से सजग रहने से हम सभी डेंगू जैसी बीमारियों से बच सकते हैं और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।

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